रायपुर। राज्य की गौशालाओं में गायों की अकाल मौत न
हो, लिहाजा सरकार ने आम जनता से सुझाव मांगा है। दरअसल, अनुदान प्राप्त
गौशालाओं में बड़े पैमाने पर गायों की भूख और प्यास से पहले मौतें हो चुकी
हैं। चार मंत्रियों की मंत्रीमंडलीय उपसमिति की पहली बैठक के बाद यह तय
किया गया है कि गौशालाओं की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक
संगठनों, संस्थाओं और आम जनता से सुझाव लिया जाएगा। सुझाव देने के लिए 21
सितंबर की तारीख तय की गई है। इससे पहले राज्य में यह मांग तेजी से सामने
आई है कि गोशालाओं के नाम पर दिया जाना वाला अनुदान तत्काल बंद किया जाए।
गायों
की मौत के बाद सरकार ने मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पांड़ेय, अजय
चंद्राकर व अमर अग्रवाल की चार सदस्यीय मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन किया
था। समिति की पहली बैठक 12 सितंबर को हुई। इसमें लिए गए निर्णय के मुताबिक
राज्य गौ सेवा आयोग के रजिस्ट्रार ने छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग एवं राज्य की
गौशालाओं में प्रभावी प्रबंधन के लिए सुझाव मांगे हैं।
इच्छुक
व्यक्ति, संस्थाएं राज्य गौ सेवा आयोग के पते पर ईमेल या फैक्स के माध्यम
से सुझाव भेज सकते हैं। दुर्ग व बेमेतरा जिले में गायों की मौत का मामला
सामने आने के बाद 9 अफसर कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसके बाद
गौसेवा आयोग के तत्कालीन रजिस्ट्रार को हटाया गया। सरकार का दावा है कि
गायों की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ में जो कार्रवाई की गई है, वैसी देश
में अब तक किसी भी राज्य में नहीं हुई है।
गायों की मौत रोकने को सरकार ने मांगे सुझाव
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