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एक ग्राम पंचायत ऐसी जहां मुर्दे भी कर रहे हैं काम, उठा रहे हैं योजनाओं का लाभ?

मामला खनियांधाना की ग्राम पंचायत बामौरकलां का

शिवपुरी।
क्या कभी मुर्दे भी काम कर सकते है, क्यों वह मृतक होकर भी शासन की योजना
का लाभ ले सकते है जबाब होगा नहीं, लेकिन ग्राम पंचायत बामौरकलां में तो
कागजी बात की जाए तो यहां मुर्दे भी मनरेगा योजना का लाभ ले रहे है और
बकायदा उनके जॉब कार्ड बने हुए है इन्हीं जॉब कार्डो के सहारे वे शासन की
योजना का लाभ लेकर राशि आहरित कर रहे है। यह गंभीर मामला है जिसकी जांच
होना आवश्यक है इस मामले को लेकर मण्डल अध्यक्ष बामौरकलां बनवारी लाल
श्रीवास्तव व जल उपभोक्ता संस्था बामौरकलां के सदस्य भानु प्रताप सिंह यादव
ने लिखित शिकायत दर्ज कर इस भ्रष्टाचार की पोल खुली है अब देखना होगा कि
जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है या फिर यह भ्रष्टाचार
यूं ही जारी रहेगा।

मनरेगा में मृतक,अतिथि शिक्षक, पुलिस व शास.सेवक बने हितग्राही

शासन
की महत्वाकांक्षी योजनाओं को किस प्रकार से पलीता लगाकर घोटाले और
भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को पार किया जा रहा है यह देखने को मिल रहा ग्राम
पंचायत बामौरकलां में जहां मजदूरों के हक पर डांका डालकर मृतक, अतिथि
शिक्षक, पुलिसकर्मी और शासकीय कर्मचारी मनरेगा में मजदूरी के रूप में
दर्शाकर बने हुए जॉब कार्ड के जरिए मुनाफा कमाकर पात्रों के हकों पर डांका
डाल रहे है। शिकायतकर्ताओं ने इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को लिखित
शिकायत की है और इस मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है। इस
भ्रष्ट घोटाले से लाभ लेने वाले अपात्र पात्रों के हकों को हड़प रहे है जो
कि न्यायोचित नहीं है ऐसे में मामले की गंभीरता से जांच होना आवश्यक है।

पात्रों के हितों पर इन अपात्रों ने डाला डांका

शिकायत
में बताया गया कि मनरेगा में मृतक दयारात पुत्र हरदास गुप्ता मनरेगा जॉब
कार्ड नं.1176 एवं प्रसन्न कुमार पुत्र रतनचंद जैन जॉब कार्ड नं.1178 एवं
परमिया पत्नि गिरधारी आदिवासी जॉब कार्ड नं.16 आदि के नाम मस्टर रोल में
दर्ज कर मजदूरी कर राशि आहरित कर ली है जबकि यह मृतक है। यहां अतिथि शिक्षक
सुदामा प्रसाद पुत्र मुन्ना लाल गुप्ता पदस्थ है और इन्होंने जॉब कार्ड
नं.1058 मनरेगा के तहत दर्ज होकर राशि आहरित की गई। यहां व्यापारी व 80
बीघा कृषि के स्वामी केदार लाल पुत्र प्रागीलाल एवं उनकी पत्नि श्रीमती
अंगूरी भी मनरेगा में दर्ज है और इन्होंने एक ही वर्ष में दो जॉब कार्ड
नं.1023एवं1434 पर दर्ज है। पुलिस विभाग में पदस्थ रहे रामेश्वरदयाल पुत्र
बलदवे प्रसाद तिवारी भी जॉब कार्ड नं.1114 जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनकी
90वर्षीय पत्नि जेना बाई को शासन द्वारा पेंशन स्वीकृत है उक्त जॉबकार्ड
में लालचंद पुत्र सोहन रजक का खाता नं.33592957731 मजदूरी की राशि जमा
करवाकर आहरित कर ली गई। व्यापारीगण केदार पुत्र रामचरण गुप्ता जॉब कार्ड
नं.999,मोहनलाल पुत्र विश्वनाथ गुप्ता जॉब कार्ड नं.1022, अवधबिहारी पुत्र
भैया लाल गुप्ता जॉब कार्ड नं.1000 पर दर्ज है इन्होनें भी मजदूरी दर्शाकर
राशि आहरित की गई। सेवानिवृत्त अद्र्वशासकीय सेवक रामप्रकाश पुत्र गोपीलाल
गुप्ता है जो जॉब कार्ड नं.1137 पर दर्ज है सिंचाई विभाग में भृत्य रामकिशन
केवट भी जॉब कार्ड नं.1012 पर दर्ज है और मजदूरी की डिमाण्ड राशि ली गई।
विद्युत मण्डल के जतन कोली जॉब कार्ड क्रं.988 पर दर्ज है इन्हें पेंशन
मिलती है बाबजूद इसके इन्होंने भी मजदूरी डिमाण्ड का लाभ लिया।

निर्माण कार्यों में भी किया लाखों का भ्रष्टाचार

यहां
मनरेगा के तहत बामौरकलां में बस स्टैण्ड के पास तालाब मरम्मत कार्य के नाम
पर लगभग 1 लाख रूपये आहरित कर लिए गए जबकि यहां लेश मात्र भी काम नहीं
हुआ। इसी प्रकार पंचायत भवन के पास खेल भ्मैदान के मद से 11 लाख रूपये
आहरित कर लिए गए लेकिन निर्माण कार्य यहां भी नहीं कराया गया। मुख्यमंत्री
सड़क येाजना के तहत प्राथ.स्वा. केन्द्र बामौरकलां से नया तालाब चचोरा की
ओर सड़क स्वीकृत हुई थी जिसका टेण्डर भी हो चुका था परन्तु ग्राम पंचायत
द्वारा बदनियतीपूर्वक व नियम विरूद्ध टी.एस.जारी करवाकर खेत सड़क योजना के
तहत सड़क निर्माण दर्शाकर राशि आहरित कर ली गई जबकि कार्य कराया ही नहीं
गया इस कार्य में 10 लाख रूपये का भ्रष्टाचार किया गया। खेत सड़क योजना के
तहत ग्राम चौका में भी 7 लाख 60 हजार रूपये की लागत से सड़क बनाई गई जिसमें
पूरा काम जेसीबी मशीन से किया गया और इस कार्य में सरपंच, सचिव, ग्राम
रोजगार सहायक व उपयंत्री द्वारा बंदरबांट की गई। आरोप तो यह भी है कि
मनरेगा के तहत जितने भी कार्य किए गए वह सभी मजदूरों के बजाए जेसीबी से
कराए गए।

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