पांच लाख की फिरौती की मांग के लिए पत्नी को किया था
फोन, बदहाल स्थिति में पुलिस ने किया बरामद
शिवपुरी। शिवपुरी रेलवे में चाबीदार के पद पर एक कर्मचारी के अगवा करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने उसे मोहना के पास जंगल से बदहाल स्थिति में ढूंढने में सफलता प्राप्त की है। अज्ञात डकैतों ने उसे एक गड्ढे में पटक दिया था और उसके ऊपर झाडिय़ां रख दीं थी। उससे फिरौती के रूप में पांच लाख रुपए वसूलने के लिए उसकी पत्नी को उक्त डकैतों ने फोन भी किया था। फिलहाल पुलिस कर्मचारी का मेडीकल करा तफ्तीश में जुट गई है।
चाबीदार अशोक पुत्र नंदलाल जिसके पास मोहना क्षेत्र में सात किमी. क्षेत्र के ट्रेक चैक करने का काम था। इसी ट्रेक को चैक करने के दौरान शनिवार सुबह उसे दो डकैत अगवा कर ले गए और उसके साथ उन्होंने जमकर मारपीट की। इतना ही नहीं अशोक को उन लोगों ने जंजीरों से बांधकर एक गड्ढे में फेंक दिया और ऊपर से झाडिय़ां रख दीं। मोहना स्टेशन पर रेलपथ निरीक्षक एससी शर्मा ने अशोक के गायब होने की सूचना रेलवे पुलिस को दी तब रेलवे पुलिस ने पुलिस के साथ मिलकर अशोक को ढूंढने के लिए इलाके की छानबीन की तो युवक ट्रेक से सटे हुए जंगल में एक गड्ढे में बदहाल स्थिति में मिला। उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे। अशोक के अनुसार ये डकैत उसके ऐवज में परिजनों से पांच लाख रुपए की फिरौती वसूलना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने उसकी पत्नी को फोन भी लगा दिया था, लेकिन इसी बीच स्टाफ सदस्य पुलिस की मदद से उसके पास पहुंच गए और बच गया। इन 24 घंटों के दौरान उक्त डकैत उसे देखने दो बार आए इस बीच उन्होंने उसे पीने को पानी भी दिया।
साहस दिखा बच निकला अशोक
चाबीदार अशोक की मानें तो डकैतों द्वारा उसे पकडऩे के बाद बुरी तरह जंजीरों से बांधकर एक गड्ढे में पटक दिया था और ऊपर से झाडिय़ां रख दीं थी उसके बाद डकैत वहां से चले गए थे। अशोक ने साहस का परिचय देते हुए स्वयं को जंजीरों से मुक्त कराने के लिए वहां पड़े पत्थरों से रस्सी को रगड़ा जिससे कुछ रस्सियां कट गई और वह मुक्त होने की स्थिति में आ गया, लेकिन इसी बीच देर रात डकैत फिर वापस आए और उन्होंने उसकी रस्सियां कटी हुई देखीं तो उसे हड़काया भी और फिर आधी रोटी और पानी दिया और एक बार फिर उसे बुरी तरह बांधकर वहां से चले गए। ऐसा ही डकैतों ने एक बार सुबह भी किया, इसी बीच उसे रेलवे के साथी कर्मचारियों की आहट सुनाई दी जिस पर उसने एक बार पुन: ताकत लगाकर स्वयं का मुंह खोला और साथियों को आवाज लगाई जिस पर साथियों ने वहां आकर उसे मुक्त करा लिया। संभवत: साथियों को देख डकैत वहां से भाग गए।
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