भोपाल
कांग्रेस सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। राजगढ़ के खिलचीपुर में मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मेरे चुनाव लड़ने का प्रश्न इसलिए नहीं आता क्योंकि मैं राज्यसभा का सदस्य हूं। अभी सवा दो साल मेरे पास हैं।’
ऐसे में राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा? इसके जवाब में पूर्व CM ने कहा, ‘ये पार्टी तय करेगी।’ दिग्विजय शनिवार को खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे।
वे राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में संगठन की समीक्षा कर रहे हैं। तीन दिन पूर्व उन्होंने पहले दौर में ब्यावरा और नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा लिया था। राजगढ़ जिले के तीन दिवसीय दौरे पर उन्होंने पहले दिन खिलचीपुर विधानसभा के ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की तीन सत्रों में बैठकें ली।
16 साल बाद चुनाव लडे़ थे, भोपाल से मिली हार
2003 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद दिग्विजय सिंह ने अगले 10 साल तक कोई भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। वे 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल से उतरे। इस चुनाव में दिग्विजय सिंह को भाजपा की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब दिग्विजय के भोपाल या राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं चल रही थीं।
पूर्व CM दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में संगठन की समीक्षा कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने खिलचीपुर विधानसभा में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।
मांग की- EVM बैन हो, बैलेट पेपर से हों चुनाव
बैठक की शुरुआत में खिलचीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा, ‘पूर्व CM दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं की सभी बातें सुनने आए हैं। जो भी सुझाव हों, बेबाकी से रखें और बताएं कि किन कारणों से हम विधानसभा चुनाव हारे और कैसे हम कांग्रेस संगठन को मजबूत करेंगे।’
खिलचीपुर नगर अध्यक्ष संजय कौशिक ने निष्पक्ष चुनाव के लिए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की पैरवी करते हुए कहा, ‘EVM बैन के लिए सड़क पर आंदोलन करना चाहिए।’
9 बार से लगातार भोपाल सीट पर हार रही कांग्रेस
भोपाल लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आती हैं। इनमें से 6 सीटों (बैरसिया, नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, गोविंदपुरा, हुजुर, सीहोर) पर BJP का कब्जा है। 2 विधानसभा (भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य) में कांग्रेस के विधायक हैं। कांग्रेस पिछले 9 लोकसभा चुनावों से भोपाल सीट जीतने में नाकाम रही है। 1984 में कांग्रेस प्रत्याशी केएन प्रधान सांसद बने थे।
भोपाल लोकसभा सीट पर पिछले 3 चुनावों की तस्वीर
- 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 364822 वोट से जीतीं थीं। उन्हें 866482 (61.54%) वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को 501660 (35.63%) वोट मिले थे। 2014 के चुनाव के मुकाबले 2019 के चुनाव में BJP का वोट शेयर 1.65% घटा था। कांग्रेस के वोट प्रतिशत में 5.24% की बढ़ोतरी हुई थी।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी आलोक संजर 370696 वोट से जीते थे। उन्हें 714178 (63.19%) वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा को 343482 (30.39%) वोट मिले थे। 2009 लोकसभा के मुकाबले 2014 के चुनाव में BJP के वोट शेयर में 12.24% की बढ़ोतरी हुई थी। कांग्रेस का वोट शेयर 10.67% घटा था।
- 2009 लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी कैलाश चंद्र जोशी 65157 वोट से जीते थे। उन्हें 335678 (50.95%) वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह ठाकुर को 270521 (41.06%) वोट मिले थे। 2004 के मुकाबले 2009 लोकसभा चुनाव में BJP का वोट शेयर 14.46% घटा था। कांग्रेस के वोट शेयर में 11.29% बढ़ोतरी हुई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को हराया था।
राजगढ़ में क्यों चली दिग्विजय के नाम की चर्चा
राजगढ़ लोकसभा दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के प्रभाव की सीट रही है। मोदी लहर के बाद से इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। 2009 के लोकसभा चुनाव में BJP से दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह उम्मीदवार बने। कांग्रेस ने इस सीट पर सामान्य कार्यकर्ता नारायण सिंह आमलाबे को उतारा। दिग्विजय ने आमलाबे के लिए जमकर प्रचार किया और उनके छोटे भाई को हराकर कांग्रेस उम्मीदवार नारायण सिंह आमलाबे संसद पहुंच गए।
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभाएं आती हैं। इनमें से 6 सीटों (चाचौडा, नरसिंहगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर) पर BJP के विधायक हैं। दो विधानसभा (राजगढ़ और सुसनेर) में कांग्रेस का कब्जा है। वर्तमान में यहां से BJP के रोडमल नागर सांसद हैं।
पिछले 3 चुनाव में राजगढ़ लोकसभा की तस्वीर
- 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर 431019 वोट से जीते। उन्हें 823824 (65.37%) वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी सोना सुस्तानी को 392805 (31.17%) वोट मिले।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी रोडमल नागर 228737 वोट से जीते थे। उन्हें 596727 (59.04%) वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह आमलाबे को 367990 (36.41%) वोट मिले।
- 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह आमलाबे 24388 वोट से जीते थे। उन्हें 319371 (49.10%) वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह को 2,94,983 (45.35%) वोट मिले।
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