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कुपोषण ने छीन ली 3 साल की मासूम बच्ची की आंखों की रोशनी / Shivpuri News

शिवपुरी में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कागजी आंकड़ेबाजी में जिले से कुपोषण का ग्राफ बेहद कम होने के दावे कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि,कुपोषण का ग्राफ कम होने की बजाय तेजी के साथ बढ़ रहा है।आदिवासी बाहुल्य जिले के पोहरी विकासखण्ड में जहां पिछले दिनों कुपोषण से दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई वहीं पोहरी एनआरसी में भर्ती एक तीन साल की मासूम बच्ची की कुपोषण के कारण आंखों की रोशनी चली गई।भटनावर गांव की 3 साल की मासूम बच्ची संजना ने दुनिया के रंग देखने से पहले ही कुपोषण ने उसकी दोनों आंखों की रोशनी छीन ली।

पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) फुल
पोहरी विकासखंड के पटपरा गांव में दो मासूम बच्चियों की कुपोषण से मौत होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव गांव जाकर कुपोषित बच्चों को खोजा और उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया। हालत यह है कि 10 बच्चों की क्षमता वाले पोहरी पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में इस समय 12 बच्चे भर्ती है। कुपोषण की वजह से आंखों की रोशनी खो चुकी संजना के साथ उसकी एक साल की बहन कविता भी भर्ती है। मां बबीता ने बताया कि अभी आंखों का इलाज नहीं कराया गया। संजना का वजन 12 से 15 किलो होना चाहिए, लेकिन है सिर्फ 6.2 किलो।

नेत्र रोग विशेषज्ञ ने की कुपोषण से आंखों की रोशनी जाने की पुष्टि

नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. एचपी जैन और जेपी हॉस्टिपल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव के अनुसार, कुपोषण की वजह से विटामिन ए की कमी से कॉर्निया ड्राई होकर पिघलना शुरू हो जाता है। धीरे-धीरे रोशनी चली जाती है। संभवत रंजन की आंखों की रोशनी भी कुपोषण की वजह से गई है।

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