कोच हरेंद्र सिंह की जुबानी, जूनियर हॉकी विश्व कप के लिए कैसी है तैयारी
भारत को अपनी सरजमीं पर जूनियर हॉकी विश्व कप का प्रबल दावेदार बताते हुए भारतीय टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने कहा है कि दबाव के आगे घुटने नहीं टेकने और एक यूनिट के रूप में खेलने की कला हमें विजेता बनाएगी.
एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप लखनऊ में 8 से 18 दिसंबर तक खेला जाएगा. इसमें मेजबान भारत समेत 16 टीमें भाग लेंगी. भारत को कनाडा, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ ग्रुप-डी में रखा गया है.
15 साल पहले एकमात्र जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम को इस बार प्रबल दावेदार बताते हुए हरेंद्र ने कहा,‘पिछले दो-ढाई साल की तैयारियों के आधार पर मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि इस बार हम पोडियम फिनिश जरूर करेंगे. पिछले अधिकांश बड़े टूर्नामेंट में हम खाली हाथ नहीं लौटे हैं, जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है.’ उनके इस आत्मविश्वास का कारण टीम की मानसिक दृढ़ता है, जिसका परिचय कई बड़े मैचों में टीम ने दिया है.
उन्होंने कहा,‘यह टीम दबाव के आगे घुटने टेकने वाली नहीं है और निर्णायक क्षणों में अच्छा प्रदर्शन करती आई है. कोई खिलाड़ी व्यक्तिगत स्तर पर नहीं खेलता, बल्कि सभी एक यूनिट के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने को लालायित है. यही हमारी सफलता की कुंजी साबित होगा.’
हरेंद्र ने कहा,‘मैंने खिलाड़ियों को ‘सी’ की घुट्टी पिलाई है और मैदान पर वे एक-दूसरे को यह याद दिलाते रहते हैं. सी-यानी कम्युनिकेशन, कनेक्ट, कमिटमेंट, कम्युनिटी, कांफिडेंस, करेज, क्रिएटिविटी, क्लास, क्रेजी, चीयरफुल और कोलोबरेशन.’
उन्होंने कहा,‘तैयारी के आधार पर शीर्ष टीमें बराबरी पर ही होती है. फर्क सिर्फ मानसिक तैयारी का है और जो दबाव को झेल जाएगा, वही जीतेगा. मेरी टीम इस मानदंड पर सौ फीसदी खरी उतरेगी. हमने व्यक्तिगत स्तर पर भी और टीम के रूप में भी इस पर काफी फोकस किया है.’
18 साल पहले अपने कोचिंग करियर का आगाज करने वाले हरेंद्र जूनियर और सीनियर टीमों के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में आठ स्वर्ण, पांच रजत और नौ कांस्य पदक जीत चुके हैं.
यह पूछने पर कि क्या घरेलू सरजमीं पर खेलने का भारत को फायदा मिलेगा, उन्होंने कहा कि इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं.
उन्होंने कहा,‘अपने देश में खेलने के फायदे और नुकसान दोनों है. मैंने अपने खिलाड़ियों को सलाह दी है कि वे सिर्फ सकारात्मक पक्ष की ओर देखें और नकारात्मक पहलू पर ध्यान नहीं दें.’
किन टीमों को वे खिताब के दावेदारों में गिनते हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि विश्व कप में किसी को हलके में नहीं लिया जा सकता. वे मैच दर मैच रणनीति बनाएंगे.
Be First to Comment