वक्ताओं ने समाज को एकजुट करने पर दिया बल
दहेज प्रथा, मृत्यु भोज बंद करने का किया आव्हान
शिवपुरी । पाल
बघेल समाज शिवपुरी का होली मिलन समारोह आज मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर
मनाया गया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए पाल बघेल समाज
के बंधुओं ने भागीदारी की। कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने समाज की एकजुटता,
उन्नति, प्रगति एवं समाज को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने पर जोर दिया।
बघेल समाज शिवपुरी का होली मिलन समारोह आज मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर
मनाया गया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए पाल बघेल समाज
के बंधुओं ने भागीदारी की। कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने समाज की एकजुटता,
उन्नति, प्रगति एवं समाज को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम
का शुभारम्भ समाज के बुजुर्ग सदस्य दादा सोमाराम पाल, रिटायर्ड फाॅरेस्ट
आॅफीसर महाराज सिंह पाल, बनवारी पाल, भगवत सिंह पाल एवं सम्मेलन समिति के
अध्यक्ष तोरन सिंह पाल ने देवी अहिल्याबाई होल्कर और समाज के पूर्व
प्रांतीय उपाध्यक्ष स्व. दादा हरप्रसाद पाल के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप
प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाराज सिंह पाल ने समाज
बंधुआं को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के लोगों के लिए यह आवश्यक है कि
जिस प्रकार समाज बेटे को शिक्षा देने, उसे आगे बढ़ने में सहयोग करता है उसी
प्रकार वह बेटियों को भी आगे बढ़ाए और उन्हें शिक्षित बनाने का प्रयास करे।
खनियांधाना से कार्यक्रम में शिरकत करने आए शिक्षक बलराम पाल ने सभी समाज
बंधुआंे से आव्हान किया वे स्वप्रेरणा से सामाजिक कार्यक्रमों में आगे आयें
और समाज को राजनीति के माध्यम से आगे लायें। धर्मेन्द्र पाल ने अपने विचार
रखते हुए समाज को एससी एसएसटी आरक्षण पाने के लिए एकजुट होने का आव्हान
किया। शिक्षक राजीव हिन्नवार ने कहा कि समाज की सभी खापों चाहे वे नीखर,
धनगर, पाल बघेल, ग्वाल जो भी हों सबको एक साथ आना होगा तभी समाज का विकास
होगा यदि समाज ग्वाल, पाल, बघेलों में बंटेगा तो समाज का विकास नहीं हो
पाएगा। समाज के वरिष्ठ सदस्य सोमाराम पाल ने कहा कि गड़रिया जाति के साथ सभी
खापों को एक होना चाहिए हमें गड़रिया होने पर गर्व होना चाहिए न कि हमें
गड़रिया शब्द से दूर भागना चाहिए। युवा नेता नीरज पाल ने भी समाज द्वारा
आगामी 31 मई को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती एवं प्रतिभा सम्मान
समारोह कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। अंत में सभी लोगों का आभार
सुरेन्द्र ंिसह बघेल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार नेपाल
सिंह बघेल ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आशु पाल, दीपक पाल, होतम
सिंह बघेल, बलवीर पाल, रघुवीर पाल, राकेश पाल, रिन्कू पाल, संतोष पाल, राजू
पाल, नरेन्द्र बघेल, सोनू पाल, बलवीर पाल, धर्मेन्द्र पाल, रवि पाल, सुघर
सिंह पाल, भूपेन्द्र पाल, जसवंत पाल, सोनेराम बघेल, बलराम पाल आदि मौजूद
थे।
का शुभारम्भ समाज के बुजुर्ग सदस्य दादा सोमाराम पाल, रिटायर्ड फाॅरेस्ट
आॅफीसर महाराज सिंह पाल, बनवारी पाल, भगवत सिंह पाल एवं सम्मेलन समिति के
अध्यक्ष तोरन सिंह पाल ने देवी अहिल्याबाई होल्कर और समाज के पूर्व
प्रांतीय उपाध्यक्ष स्व. दादा हरप्रसाद पाल के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप
प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाराज सिंह पाल ने समाज
बंधुआं को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के लोगों के लिए यह आवश्यक है कि
जिस प्रकार समाज बेटे को शिक्षा देने, उसे आगे बढ़ने में सहयोग करता है उसी
प्रकार वह बेटियों को भी आगे बढ़ाए और उन्हें शिक्षित बनाने का प्रयास करे।
खनियांधाना से कार्यक्रम में शिरकत करने आए शिक्षक बलराम पाल ने सभी समाज
बंधुआंे से आव्हान किया वे स्वप्रेरणा से सामाजिक कार्यक्रमों में आगे आयें
और समाज को राजनीति के माध्यम से आगे लायें। धर्मेन्द्र पाल ने अपने विचार
रखते हुए समाज को एससी एसएसटी आरक्षण पाने के लिए एकजुट होने का आव्हान
किया। शिक्षक राजीव हिन्नवार ने कहा कि समाज की सभी खापों चाहे वे नीखर,
धनगर, पाल बघेल, ग्वाल जो भी हों सबको एक साथ आना होगा तभी समाज का विकास
होगा यदि समाज ग्वाल, पाल, बघेलों में बंटेगा तो समाज का विकास नहीं हो
पाएगा। समाज के वरिष्ठ सदस्य सोमाराम पाल ने कहा कि गड़रिया जाति के साथ सभी
खापों को एक होना चाहिए हमें गड़रिया होने पर गर्व होना चाहिए न कि हमें
गड़रिया शब्द से दूर भागना चाहिए। युवा नेता नीरज पाल ने भी समाज द्वारा
आगामी 31 मई को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती एवं प्रतिभा सम्मान
समारोह कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। अंत में सभी लोगों का आभार
सुरेन्द्र ंिसह बघेल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार नेपाल
सिंह बघेल ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आशु पाल, दीपक पाल, होतम
सिंह बघेल, बलवीर पाल, रघुवीर पाल, राकेश पाल, रिन्कू पाल, संतोष पाल, राजू
पाल, नरेन्द्र बघेल, सोनू पाल, बलवीर पाल, धर्मेन्द्र पाल, रवि पाल, सुघर
सिंह पाल, भूपेन्द्र पाल, जसवंत पाल, सोनेराम बघेल, बलराम पाल आदि मौजूद
थे।
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