प्रताप सेना ने मनाया शहीद दिवस शहीदों को दी श्रद्धांजली
आज 23 मार्च है और आज का दिन इतिहास के पन्नों में शहीदों के नाम से लिखा गया है. 23 मार्च 1931 को शहीदे आजम भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी 86 साल आज ही के दिन शाम 7:30 बजे अंग्रेजी हुकूमत ने भगतसिंह,राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी थी. देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले इन शहीदों को याद करते हुए आज का दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भारत मां के महान सपूत थे, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हंसते-हंसते सूली पर चढ़ गये।अगर ऐतिहासिक तथ्यों की बात करें तो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षढ़यंत्र मामले में ट्रिब्यूनल कोर्ट ने 7 अक्टूबर 1930 को 300 पेज के जजमेंट पर आधारित तीनों को फांसी की सजा सुनायी थी। तीन शहीदों के अलावा उनके 12 साथियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी। उसके बाद 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन विशेष आदेश के अंतर्गत उन्हें 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे फांसी दे दी गई। इन शब्दों के साथ मुकेश सिंह चौहान ने शहीदो के जीवन पर प्रकाश डाला और साथ में युवाओं को प्रेरणा दी की आप को अपने जीवन के प्रति कैसे अग्रसर रहे और अपने धर्म के प्रति, भारत माता की रक्षा , गौ माता के सम्मान में तात्पर्य खड़े रहे और और अपने जीवन में माता पिता का सम्मान करें और अपनो से बड़ो का सम्मान करे इसी के साथ युवाओ को श्री मुकेश जी प्रेरणा दी । साथ में प्रतीक शर्मा ( नानू ) ने भी भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव जी के जीवन पर प्रकाश डाला कार्यक्रम का संचालन हिमांशु अग्रवाल ने किया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुकेश सिंह चौहान जी रहे कार्यक्रम में सभी शहीदों को पुष्प अर्पित करें उन्हें नमन किया जिसमे हिमांशु अग्रवाल , सौरभ ठाकुर , प्रतीक शर्मा , कुशाग्र शुक्ल , अंशुल अग्रवाल , अमन अवस्थी , कुलदीप गौर , प्रशांत सूर्यवंशी , गिर्राज यादव , करन रजक , विक्की रावत , अभिषेक यादव , गोलू , अरुण जोशी , राजेश राठौर , तरुण गुप्ता , आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे !
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