नई दिल्ली। सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
(आरआईएल) और उसके साझेदारों पर 264 मिलियन (करीब 1700 करोड़ रुपए) का
जुर्माना लगाया है। सरकार ने यह जुर्माना वर्ष 2015-16 में पूर्वी ऑफश्योर
केजी (कृष्णा-गोदावरी बेसिन के फील्ड) डी6 से लक्ष्य से कम नेचुरल गैस का
उत्पादन करने पर लगाया है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी का
कहना है कि कंपनी पर कुल जुर्माना, जो कि अप्रैल 2010 से छह वर्ष में इस
परियोजना में उत्पादन लक्ष्य से पीछे रहने के कारण, 3.02 अरब डॉलर का लगाया
जा चुका है। प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) आरआईएल और उसके
साझेदारों ब्रिटिश कंपनी बीपी और कनाडा की निको रिसोर्सेज को सरकार के साथ
लाभ साझा करने से पहले गैस की बिक्री से हुई कमाई और परिचालन खर्चे डिडक्ट
करने की अनुमति देता है।
इस परिेयोजना का विकास और परिचालन
वसूलने पर रोक से उत्पादन लाभ में सरकार का हिस्सा बढ़ेगा। अधिकारी ने बताया
है कि सरकार ने दावा किया है कि परियोजना विकास और परिचालन वसूलने पर रोक
से उसे 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त लाभ हुआ है। इस परियोजना के
धीरूभाई अंबानी-1 और 3 गैस फील्ड में दैनिक 8 करोड़ क्यूबिक मीटर के
उत्पादन के लक्ष्य से साथ परियोजना खर्च की मंजूरी दी गई थी।
सरकार ने रिलायंस पर लगाया 1700 करोड़ का जुर्माना
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