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मृत महिला को जिंदा बताकर बेची थी जमीन

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गुना। मृत महिला को फर्जी दस्तावेज बनाकर जिंदा बताया
और बेच दी थी जमीन। इस मामले में नौ आरोपियों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश
ने साढ़े सात वर्ष की सजा सुनाई है। आरोपियों में दो बेटे और उनकी मां शामिल
हैं।
आरोपियों में कुल 4 महिला शामिल हैं। न्यायालय ने आरोपियों को
7500-7500 स्र्पए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। आरोपियों में से एक के
खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आरोपियों ने जमीन के फर्जी
कागज बनाने के दौरान एक मृत महिला के स्थान पर दूसरी महिला को पेश किया और
फर्जी कागज में फोटो भी लगा दिया था।
लोक अभियोजक देवेंद्र कुमार
पलिया ने बताया कि प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश रमाजयंत मित्तल ने आरोपीगण
रामचरण पुत्र सीताराम धाकड़, शिवदयाल पुत्र रामलखन धाकड़, अशोक पुत्र रामलखन
धाकड़, कुसुमबाई पत्नी रामलखन धाकड़ नेगमा, बिहारीलाल पुत्र किशनलाल लोधा
ठेउआ, कपूरीबाई पत्नी भोगीराम धाकड़ नेगमा हाल जमरा म्याना, कस्तूरीबाई
पत्नी गंगाराम धाकड़ नेगमा हाल धाननखेड़ी, राजेशदेवी पत्नी शंकरलाल सेानी
निवासी गुना, अनीश कुमार पुत्र देवेंद्र सिंह राजपूत निवासी पिपरौदाखुर्द
को धारा 120बी, 419, 465, 468 के तहत दोषी पाकर साढ़े सात वर्ष का कठोर
कारावास और साढ़े सात-सात हजार स्र्पए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
यह है मामला
लोक
अभियोजक ने बताया कि ग्राम बरखुआ में सर्वे नंगर 32 की कुछ भूमि की स्वामी
राधा कालोनी निवासी अजयमोहन गर्ग की पत्नी मीना गर्ग है। आरोपियों ने इस
सर्वे नंबर में से कुछ भूमि मनोज जैन को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेच दी।
मनोज फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर अजय मोहन की भूमि पर कब्जा करना चाहताथा।
इसकी शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
मृत महिला को किया जिंदा
आरोपियों
ने मामले में कलाबाई पुत्री सीताराम की मौत वर्ष 1999 में हो जाने के
बावजूद फर्जी रजिस्ट्री में लिखाया और अन्य महिला को कलाबाई के स्थान पर
पेश किया और फोटो भी लगाया। कोर्ट ने आरोपी अनीश को फैसले के दौरान
अनुपस्थित रहने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। शेष आरोपियों को जेल भेजा
गया है।

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