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ब्लू व्हेल गेम ने फैलाया पंजा

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रायपुर। रायपुर में ब्लू व्हेल गेम का आतंक थमने का
नाम नहीं ले रहा है।  सर्चिंग अभियान के दौरान मंगलवार को
बड़ा खुलासा हुआ। राजधानी के एक प्रतिष्ठित सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल से
कक्षा 9वीं के छात्रों को महिला प्राचार्य ने गेम में संलिप्त पकड़ी।
बॉहे
खुलवाकर इन चार छात्रों के हाथ में कटे के निशान मिले। बार-बार पूछने पर
छात्रों ने स्वीकार किया कि वे मोबाइल पर गेम का टास्क पूरा कर रहे थे।
प्राचार्य ने आनन-फानन में पालकों को सूचना दी।
अभिभावक बोले, खामोश रहते हैं मोबाइल गेम पर
इधर,
पालकों ने भी काउंसिलिंग के दौरान स्वीकार किया है कि ये बच्चे मोबाइल गेम
पर खामोश से रहते हैं। यह उन्हें नहीं पता था कि कोई ऐसा भी गेम है। जो
उनके बच्चों के लिए खतरा बन सकता है।
खबरें छपी तो डरकर कराई रविभवन में फार्मेट
इस
स्कूल में कक्षा 10 वीं के छात्र ने स्वीकारा कि लगातार ब्लू हेल गेम के
टास्क की जानकारियां रेडियो, टीवी और अखबारों से मिली तो उसने इस गेम को
फार्मेट करा दिया। लेकिन मनोवैज्ञानिक रूप से वह इस गेम के प्रति लगातार
झुकता जा रहा है। स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान छात्र के हाथ में खरोंच
के निशान पाए गए। प्राचार्य ने मामले की गंभीरता को समझते हुए छात्र की
काउंसिलिंग की तो यह पूरी कहानी सामने आई।
कई स्कूलों में संदिग्ध
 राजधानी के कई और स्कूलों में भी गईं तो वह ब्लूव्हेल गेम के संदिग्ध
मिलते रहे। टीम ने दानी गर्ल्स स्कूल रायपुर, पीजी उमाठे शांतिनगर , हायर
सेकंडरी स्कूल मांढर , हायर सेकंडरी स्कूल डूमरतराई, जेएन पाण्डेय स्कूल,
प्राइमरी स्कूल मोवा, ज्ञानाश्रय इंग्लिश मीडियम स्कूल अग्रसेन चौक की
पड़ताल के बाद सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल सारागांव, सरकारी हायर सेकंडरी
स्कूल चौबे कॉलोनी, सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल रायपुरा समेत अन्य स्कूलों
में जांच कराई है।
केस 01
रायपुरा में दिनभर चली जांच
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल रायपुरा के प्राचार्य ने इसे गंभीरता से लिया। छात्रा
के निशान मिलने पर शिक्षिकाओं ने उसकी काउंसिलिंग की है। संदिग्ध अन्य
छात्रों को भी समझाइश दी है।
दृश्य- 02 दिनभर चली जांच
हायर
सेकंडरी स्कूल सारगांव स्कूल में शिक्षकों ने छात्रों की कलाई की जांच
की। इस दौरान उन्हें इस तरह किसी भी गेम से खेलने पर मां-बाप और शिक्षकों
को बताने की हिदायत दी।
दृश्य 03- स्कूल में मोबाइल बैन
मायाराम
सुरजन हायर सेकंडरी स्कूल के शिक्षकों ने प्रार्थना में ही छात्राओं को
स्मार्ट फोन न रखने की सलाह दी। यहां के प्राचार्य भावना तिवारी छात्राओं
की कलाई की जांच की। मोबाइल स्कूल में लाने पर प्रतिबंध कर दिया।
दृश्य 04- छात्रों ने ली प्रतिज्ञा, नहीं खेलेंगे
हायर
सेकंडरी स्कूल त्रिमूर्ति नगर के छात्रों ने प्रतिज्ञा ली है कि वे इस तरह
का कोई भी गेम नहीं खेलेंगे। प्राचार्य ने इस पर उनसे दृढ़ संकल्प भी
करवाया।
लगातार रखें निगरानी, बहका रहा गेम
यदि
बच्चे का हावभाव बदल रहा है। यदि गुमसुम रहता है तो उस पर नजर रखने की
जरूरत है। खासकर मोबाइल गेम में यदि खेल रहा है तो उस पर निगरानी रखें।
इसकी वजह यह है कि बच्चों के भीतर आत्म सम्मान व आत्म विश्वास की कमी रहती
है। वे बच्चे ऐसे गेम के गिरफ्त में आते हैं। ब्लू व्हेल गेम एक तरह से
बहकावा है। जिस तरह से स्कूल में किसी बच्चे को चॉकलेट देकर बहका देते हैं।
 
-डॉ. बंशगोपाल सिंह, मनोवैज्ञानिक एवं कुलपति , पंडित सुंदरलाल शर्मा विवि
फेक ब्लू व्हेल का वायरल हो चुका एप्लीकेशन
ब्लू
हेल गेम को रसिया में लाया गया था। यह प्ले स्टोर में नहीं है। जिसने इसे
बनाया था उसने सीधे उन लोगों से संपर्क किया था जो डिप्रेशन से ग्रस्त थे
उन लोगों इसने टारगेट कर दिया है। मेल के थ्रू पहले यह टास्क देता है। यहां
एंड्रायड एप्लीकेशन या कोई प्रोग्राम नहीं है। हैकर्स ने ऐसे एप्लीकेशन
बनाकर वायरल कर दिया है इसे लोग मैं भी कर सकता हूं। यह सोचकर इसमें फंस
रहे हैं। कई लोगों ने एप्लीकेशन लिया तो यह उसे टार्चर या ब्लेक भी करने
लगा है। बच्चों इस तरह के गेम में दूर रखें। माता-पिता को इनकी लाइफ में
झांकना चाहिए।
– मोहित साहू, साइबर एक्सपर्ट
चार छात्र संदिग्ध मिले
– स्कूल में चार छात्रों के हाथ में कलाई में निशान मिले हैं। उनके पालकों से संपर्क करके हिदायत दी गई है। – ऋतु सुरंगे, प्राचार्य
– बच्चों की लगातार जांच की गई। फिलहाल कोई संदिग्ध नहीं मिला है। यदि कोई गेम खेलता है तो इसकी जानकारी ले रहे हैं।
 सीमा श्रीवास्तव, प्राचार्य

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