इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि।कांग्रेस में ऐसा कम ही होता है कि चुनाव करीब हो और उम्मीदवार तय हो जाए। आमतौर पर टिकट को लेकर ऐसी टसल होती है कि नामांकन तिथि बीतने के बावजूद कई बार उम्मीदवार तय नहीं हो पाता है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस देरी को लेकर जोखिम नहीं उठाना चाहती है,प्रदेश प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया गुजरात से हैं और वे इस बार वहां के चुनाव में देख चुके हैं कि जहां देरी से टिकट बंटे, वहां माहौल तैयार करने में मुश्किल हुई। ऐसी स्थिति वे प्रदेश में लाना नहीं चााहते हैं। इस बात के उन्होंने संकेत भी वरिष्ठ नेताओं को वन टू वन चर्चा में दिए हैं। दावेदारों से मेल मुलाकात की प्रक्रिया भी वे जल्दी शुरू करना चाहते हैं, ताकि हर विधानसभा की मैदानी स्थिति पता कर सके।
झाबुआ-धार पर ज्यादा फोकस
संभाग के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के दौरान उन्होंने धार और झाबुआ जिले के विधानसभा क्षेत्रों को लेकर चर्चा की और नेताओं से कहा कि दोनों जिलों की सीटों पर ज्यादा फोकस रखा जाए। यहां कांग्रेस का नेटवर्क अच्छा है और चुनाव में भी कुछ सीटों पर स्थिति मजबूत रही है। इसके अलावा विस्थापन के मुद्दे को भी चुनाव तक हरा-भरा बनाए रखने को कहा गया है। बैठक में नेताओं से यह भी कहा कि स्थानीय मुद्दों को चुनाव में उठाया जाएं, क्योंकि लोग उससे ज्यादा जुड़े रहते हैं।
ऐसे नुकसान उठाती है टिकट देरी को लेकर कांग्रेस
समय पर टिकट नहीं मिलने से उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए समय कम मिलता हैजो दावेदार नाराज रहते हैं, उन्हें मनाने में भी काफी वक्त खर्च हो जाता है, कीमती समय उम्मीदवार जनता के बीच नहीं गुजार पाता.नगर निगम चुनाव में टिकट देरी के कारण दो वार्ड में कांग्रेस अपने उम्मीदवार ही तय नहीं कर पाई। पहले से यदि दावेदार को इशारा मिल जाए तो सालभर पहले से विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होकर वह माहौल अपने पक्ष में करने के प्रयास कर सकता है।
जल्द तय किए जाएंगे उम्मीदवार
चुनाव में टिकट देरी से पार्टी को नुकसान न हो, इसके लिए हर हाल में जल्द उम्मीदवार तय कर टिकट तय किए जाएंगे। इससे उम्मीदवार को जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय गुजारने का वक्त मिलेगा। जिन सीटों पर विवाद नहीं है। वहां सक्रिय नेताओं को चुनाव के हिसाब से तैयारी करने को कहा जाएगा। – दीपक बाबरिया, प्रदेश प्रभारी व महासचिव
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