By rohit bansal
शिवपुरी। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जैन धर्म के मुनि निर्वस्त्र रहते हैं, जिसके पीछे धार्मिक संकल्प जुड़ा है, लेकिन यह बात फेसबुक को नहीं समझ आयी और उसने जैन मुनि की तस्वीर को अश्लील करार देते हुए अकाउंट से हटा दिया। ऐसी गलती पहले भी फेसबुक कर चुका है, जब असम के एक सूतिया समाज का अकाउंट अश्लील बताकर डिलीट कर दिया गया था।
शिवपुरी के रोहित बंसल ने जैन मुनि जंगल वाले बाबा का फोटो फ़ेसबुक पर डाला था। और फेसबुक ने उसे अश्लील करार देते हुए फेसबुक से हटा दिया।
फेसबुक की इस करनी पर शिवपुरी का जैन समाज खासा नाराज है। फेसबुक ने जैन मुनि के फोटो को अश्लील बताया और पहले अकाउंट होल्डर को चेतावनी भेजी। फिर उस फोटो को डिलीट कर दिया। यही नहीं अपलोड करने वाले अकाउंट को भी ब्लॉक करने की चेतावनी दी। फेसबुक की इस कार्रवाई और टिप्पणी से शिवपुरी के जैन समाज में भारी नाराजगी है। समाज के पदाधिकारियों ने फेसबुक की कार्रवाई को निंदनीय बताते हुए इस पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है।
कुछ समय पहले रायपुर के जशपुर के कुनकुरी निवासी अंशुल रारा ने भी 17 जून को मुनि पुण्यनंदीजी के तीन फोटो स्वयं के फेसबुक अकाउंट से अपलोड किए। फोटो अपलोड करने के कुछ ही देर बाद फेसबुक टीम ने अंशुल को एक संदेश भेजा, जिसमें मुनि के फोटो को अश्लील और आपत्तिजनक बताते हुए अकाउंट से हटाने को कहा गया। फेसबुक ने उसका अकाउंट 48 घंटे के लिए सस्पेंड भी कर दिया और भविष्य में ऐसे फोटो लोड करने पर अकाउंट को हमेशा के लिए ब्लॉक करने की चेतावनी भी दी थी।
खुला शरीर और मोर पंख जैन समाज के मुनियों की पहचान होते हैं। इन्हें अश्लील बताकर फेसबुक ने जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। फेसबुक को माफी मांगने और फोटो को दोबारा अपलोड करने की मांग की है। प्रसिद्ध मुनि सौरभ सागर के फोटो को भी फेसबुक ने ‘अश्लील व आपत्तिजनक’ बताते हुए हटा दिया था। छत्तीसगढ़ दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष गजेंद्र जैन ने जैन मुनियों के फोटो को अश्लील बताए जाने को घोर निंदनीय करार दिया। हालांकि अभी तक समाज ने फेसबुक के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला नहीं किया है।
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले फेसबुक ने असम के सांस्कृतिक संगठन से जुड़े छात्र संगठन सूतिया का अकाउंट सिर्फ इसलिये डिलीट कर दिया, क्योंकि अंग्रेजी में सूतिया की स्पेलिंग अश्लील शब्द से मिलती जुलती है। असल में अंग्रेजी में सूतिया कम्युनिटी को ‘Chutiya community’ के रूप में लिखा जाता है।
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