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200 रुपए में बदल देते थे मोबाइल का आईएमईआई नंबर, दबिश में पुलिस को मिले ऐसे 192 मोबाइल ! Indore News

एसएसपी मोबाइलों के बारे में जानकारी दी।

  • हीरा नगर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, मोबाइल, कम्प्यूटर, डाटा कार्ड जब्त किया
  • आरोपियों ने अब तक 4 से 5 हजार मोबाइल के आईएमईआई नंबर बदले

इंदौर. मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदलकर देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाले गिरोह का हीरानगर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर इनके पास से 192 मोबाइल बरामद किए हैं। मुख्य सरगना मोबाइल शॉप चलाता है और वह एक साफ्टवेयर इंजीनियर की मदद से इस गोरखधंधे में लिफ्त था। इंजीनियर मात्र 200 रुपए में मोबाइल का आईएमईआई नंबर चेंज कर देता था।
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि सरगना भरत वासवानी की मोबाइल शॉप है। वह रीवा निवासी जितेंद्र पिता मनीश्वर राजपूत, राजू पिता कप्तान सिंह सेंगर निवासी भिंड और संजय पिता अक्षय लाल पटेल निवासी रीवा के साथ मिलकर मोबाइल के आईएमईआई नंबर बदलकर मोबाइल की पहचान ही खत्म कर देता था। इस कारण इन मोबाइल को ट्रैस करना नामुमकिन होता था।
पुलिस के अनुसार आरोपी भरत चोरी, गुम, टूटे या गैंग से जुड़े साथी मोबाइल शॉप संचालकों के पास से आए मोबाइल को खरीदकर जितेंद्र के पास भेज देता था। जितेंद्र मात्र दो सौ रुपए लेकर इन मोबाइल के आईएमईआई नंबर बदलकर वापस भरत के पास भेज देता था। मोबाइल को लाने-ले जाने का काम राजू और संजय करते थे। मोबाइल की पहचान बदलने के बाद भरत इन मोबाइल को सेकंड हैंड के नाम पर अच्छे दामों में बेचता था। इंदौर के अलावा भरत इन्हें दूसरे जिलों में भी सप्लाय करता था। 
अारोपी जितेंद्र ने बताया कि उसने पुणे से इंजीनियरिंग की है। पढ़ाई पूरी होने के बाद दो साल पहले उसने एक मोबाइल सर्विस सेंटर में काम करना शुरू किया था। यहां पर एक चाइनीज मोबाइल चुराने के दौरान उसका आईएमईआई नंबर करप्ट हो गया था। इस पर उसने एक साफ्टवेयर खोज निकाला और उसके जरिए उसने उन मोबाइल का नया आईएमईआई नंबर जनरेट कर दिया। यहीं से उसने यह काम शुरू किया। इसी दौरान उसकी भरत से पहचान हुई और फिर इन्होंने साथ मिलकर चार से पांच हजार मोबाइल के आईएमईआई नंबर बदल डाले।
     
इस काम में साथ देने वालों के खिलाफ भी नामजद केस दर्ज
पुलिस ने इस गैंग का साथ देने के आरोप में अमित जोधानी, मोहित जोधानी, कमल राजदेव, कपिल कालरा, कमल, कपिल पिता मनोहरलाल, भरत पिता मनोहर लाल, गिरीश पिता मोहनलाल, दिनेश, भरत पिता विवेक, विनोद पिता जगदीश, विजय, विशाल पिता गोपाल और राहुल पिता शोभराज को अारोपी बनाया है।
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