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क्या पत्रकारो की जांच नही होनी चाहिए, बरिष्ठ पत्रकारो ने निष्पछ पत्रकारिता के लिए उठाई इसकी मांग

गुना। कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन पुरजोर कोशिश कर रहा है । परंतु जिले में कुछ ऐसे लोग हैं जो राष्ट्रीय आपदा के समय प्रशासन को असहयोग कर रहे हैं । 
जबकि ऐसे लोग जो चोला ओड़े हुए हैं उस छद्म रूप में प्रशासन के समक्ष यह प्रदर्शित करने में कि वह शासन प्रशासन के हर आदेश का अक्षरस पालन कर रहे हैं, नहीं चूके !
जिले में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक निरंतर यह अपील करते चले आ रहे हैं कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए जिले में बाहर से आने वाले या उनसे संपर्क बनाने वाले लोगों की जानकारी को छुपाया ना जाए, तत्काल प्रशासन को अवगत कराया जाए ।
इसी को लेकर शहर के बरिष्ठ पत्रकारो ने इसकी जांच की मांग जिला प्रशासन,जनसम्पर्क विभाग के साथ पुलिस प्रशासन से करते हुए कहा कि निष्पछ पत्रकारिता के लिए अब सभी पत्रकारो की वैधानिकता की जांच होना चाहिए कि वो पत्रकार है पीतपत्रकार?
बतादे कि हाल ही में जिले का मधुसूदनगढ़ इस बात को लेकर चर्चित हुआ है कि वहां पर बाहर से आए लोगों की जानकारी छुपाई गई थी । पुलिस ने ऐसे 6 व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया ।
आज पुलिस द्वारा मधुसूदनगढ़ में ही बाहरी व्यक्तियों के संबंध में जानकारी देने के दायित्वधीन 5 लोगों के विरुद्ध भी अपराध दर्ज किए जाने की खबर है ।
सनद रहे कि पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा गुना जिले के पत्रकारों का चरित्र सत्यापन जनसंपर्क विभाग से प्राप्त सूची के आधार पर कराया जा रहा था परंतु विधि विरुद्ध कार्यों में लिप्त पत्रकार और पुलिस महकमा में उनके आदर्श के बल पर सत्यापन कार्य दवा दिया गया ।
अब जब पुलिस ने उक्त कथित पत्रकार को लॉक आज्ञा का पालन ना करने व अन्य अपराधों में आरोपित किया है वही अब तक इसके क्रियाकलापों और पुलिस महकमे में इसके आदर्श जन की भी जांच कराई जावे ।
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