गुना। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत
गर्भवती और पहली संतान वाली प्रसूता (दोनों ही स्थिति में एक जनवरी 2017
से) को केंद्र सरकार ने पांच हजार रुपए की राशि देने की घोषणा क्या की,
शहर-गांवों की महिलाओं में अपनी गोद सूनी बताने की होड़ लग गई।
दो-दो
बच्चों की माताएं भी पांच हजार के लालच में सर्वे करने पहुंच रही आंगनबाड़ी
कार्यकर्ताओं के सामने खुद को नि:संतान बता रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
जब पड़ोसियों से जानकारी ले रहे हैं तो पोल खुल रही है।
शहर के बूढ़े
बालाजी, पठार मोहल्ला, पुरानी छावनी, मातापुरा, बांसखेड़ी, घोसीपुरा,
श्रीराम कॉलोनी, नानाखेड़ी इलाके में झूठ उजागर होने पर आंगनबाड़ी
कार्यकर्ताओं को फिर से सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं।
मां बन चुकी बहू को सास ने नि:संतान बताया
पठार
मोहल्ला निवासी नंदनी के घर एक सप्ताह पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सर्वे
करने पहुंची तो उसकी सास कमला ने कहा कि उसकी बहू अभी गर्भवती है। पहले उसे
कोई बच्चा नहीं है। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उसका नाम योजना के लिए
दर्ज कर लिया।
जब वार्डस्तर पर अप्रैल 2016 में परिवारों को लेकर किए
गए सर्वे का रजिस्टर देखा तो वह महिला एक बच्चे की मां निकली। बाद में सास
ने माफी मांगी और कहा कि मैंने पांच हजार के लालच में झूठ बोला।
पहले मप्र के दो जिलों में थी योजना
पहले
मध्य प्रदेश के दो जिले सागर और छिंदवाड़ा में यह योजना इंदिरा गांधी
मातृत्व सुरक्षा योजना के नाम से संचालित थी। इस योजना को अब पूरे देश में
लागू किया गया है। हालांकि इसमें दो बड़े बदलाव किए गए हैं। एक-योजना की
राशि 6 हजार से घटाकर पांच हजार की और दूसरा-योजना का लाभ पहली संतान पर ही
दिया जा रहा है।
झूठ पकड़ा जा रहा है
प्रानमंत्री
मातृत्व सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए शहर व ग्रामीण इलाकों में कुछ
ऐसी महिलाएं भी सामने आ गईं, जिनके पहले से एक या दो बच्चे थे। पुराने
रिकॉर्ड से मिलान करने पर यह झूठ पकड़ा गया। ऐसी महिलाओं को हिदायत दी गई है
–
विशाल आनंद श्रीवास्तव, शहर परियोजना अधिकारी, महिला-बाल विकास विभाग, गुना
गर्भवती और पहली संतान वाली प्रसूता (दोनों ही स्थिति में एक जनवरी 2017
से) को केंद्र सरकार ने पांच हजार रुपए की राशि देने की घोषणा क्या की,
शहर-गांवों की महिलाओं में अपनी गोद सूनी बताने की होड़ लग गई।
दो-दो
बच्चों की माताएं भी पांच हजार के लालच में सर्वे करने पहुंच रही आंगनबाड़ी
कार्यकर्ताओं के सामने खुद को नि:संतान बता रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
जब पड़ोसियों से जानकारी ले रहे हैं तो पोल खुल रही है।
शहर के बूढ़े
बालाजी, पठार मोहल्ला, पुरानी छावनी, मातापुरा, बांसखेड़ी, घोसीपुरा,
श्रीराम कॉलोनी, नानाखेड़ी इलाके में झूठ उजागर होने पर आंगनबाड़ी
कार्यकर्ताओं को फिर से सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं।
मां बन चुकी बहू को सास ने नि:संतान बताया
पठार
मोहल्ला निवासी नंदनी के घर एक सप्ताह पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सर्वे
करने पहुंची तो उसकी सास कमला ने कहा कि उसकी बहू अभी गर्भवती है। पहले उसे
कोई बच्चा नहीं है। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उसका नाम योजना के लिए
दर्ज कर लिया।
जब वार्डस्तर पर अप्रैल 2016 में परिवारों को लेकर किए
गए सर्वे का रजिस्टर देखा तो वह महिला एक बच्चे की मां निकली। बाद में सास
ने माफी मांगी और कहा कि मैंने पांच हजार के लालच में झूठ बोला।
पहले मप्र के दो जिलों में थी योजना
पहले
मध्य प्रदेश के दो जिले सागर और छिंदवाड़ा में यह योजना इंदिरा गांधी
मातृत्व सुरक्षा योजना के नाम से संचालित थी। इस योजना को अब पूरे देश में
लागू किया गया है। हालांकि इसमें दो बड़े बदलाव किए गए हैं। एक-योजना की
राशि 6 हजार से घटाकर पांच हजार की और दूसरा-योजना का लाभ पहली संतान पर ही
दिया जा रहा है।
झूठ पकड़ा जा रहा है
प्रानमंत्री
मातृत्व सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए शहर व ग्रामीण इलाकों में कुछ
ऐसी महिलाएं भी सामने आ गईं, जिनके पहले से एक या दो बच्चे थे। पुराने
रिकॉर्ड से मिलान करने पर यह झूठ पकड़ा गया। ऐसी महिलाओं को हिदायत दी गई है
–
विशाल आनंद श्रीवास्तव, शहर परियोजना अधिकारी, महिला-बाल विकास विभाग, गुना
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