
पवन निशान्त, मथुरा।
जन्माष्टमी पर घर-घर कन्हैया का जन्म भले ही खीरा में सालिग्राम रखकर
कराया जाए, पर पूजा तो लड्डू गोपाल की ही होगी। लड्डू गोपाल और उनकी
श्रृंगार सामग्री का कारोबार इस बार पंद्रह करोड़ का आंकड़ा पार कर रहा है।
जीएसटी के बावजूद मथुरा-वृंदावन के लड्डू गोपाल की इस कदर डिमांड रही कि
बाजार में छोटे आकार के लड्डू गोपाल की कमी पड़ गई।
जीएसटी में
अभी भी कान्हा की मूर्तियों से लेकर पोशाक, मुकुट और श्रृंगार सामग्री पर
कितना-कितना टैक्स लगेगा, यह बहुत साफ नहीं है। फिर भी थोक व्यापारियों से
मिले फीडबैक के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जन्माष्टमी तक यह
कारोबार 15 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा, जो पिछले साल के मुकाबले 25 फीसद
कम है। अन्य प्रांतों में स्थानीय थोक कारोबारियों ने पीतल की प्रतिमाओं,
मुकुट, पोशाक और श्रृंगार की डिमांड काफी हद तक पूरी कर दी है, लेकिन
मथुरा-वृंदावन में छोटे साइज के लड्डू गोपाल की किल्लत हो गई है। 100, 200,
300 और 400 ग्राम के लड्डू गोपाल बाजार में आसानी से नहीं मिल रहे, जबकि
सबसे ज्यादा डिमांड इन्हीं की रहती है। इस समय सवा किलो वजन के लड्डू गोपाल
लगभग हर दुकान पर हैं, जिनकी कीमत करीब 1100 रुपए है।
जीएसटी
की वजह से इस बार काफी कम कारोबार हुआ है। माना जा रहा है कि पांच फीसद से
लेकर 18 फीसद तक दरें हो सकती हैं, इसलिए व्यापारी आशंकित हैं। पहले
नोटबंदी ने इस कारोबार को तबाह किया और अब जीएसटी की मार से प्रभावित हो
रहा है। – कपिल अग्रवाल, थोक विक्रेता पोशाक वृंदावन
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