शिवपुरी। पूरे प्रदेश में संक्रमण के मामले में शिवपुरी दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। कमजोर प्रशासनिक निर्णय और आमजन की लापरवाही से इंदौर और भोपाल के रास्ते शहर में संक्रमण आसानी से घुस गया। मार्च के महीने से अप्रैल में 15 दिनों में संक्रमण दर में 13 गुना का इजाफा हुआ। मार्च में जहां संक्रमण दर महज 2.75 प्रतिशत थी, वह 15 अप्रैल के बाद बढ़कर 36 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दौरान जिले में 170 से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो गई। जिले में जब दूसरी लहर आने के संकते दे रही थी तब पर्याप्त सख्ती नहीं बरती गई। टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट के तीनों मोर्चों पर शासन और प्रशासन की नाकामी रही कि संक्रमण अब निरंकुश हो गया है।
15 अप्रैल से बिगड़े हालात, बाहर से आने वालों ने फैलाया संक्रमण
मार्च के महीने तक जिले में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में थी। होली के समय पर बाहर पढ़ने और नौकरी करने वाले बड़ी संख्या में वापस लौटे। इस समय महाराष्ट्र और इंदौर व भोपाल में दूसरी लहर आने लगी थी। लोगों ने बाहर से आने के बाद जानकारी छिपाई और एक साथ कई परिवार संक्रमित हुए। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन लगाने का फैसला प्रशासन के हाथ में सौंपा। अप्रैल में हर दिन 20 से अधिक के मिलने के बाद भी शुरुआत में लॉकडाउन नहीं किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अप्रैल के पहले सप्ताह में होने जा रहे दौरे के चलते शनिवार-रविवार का लॉकडाउन लगाना टाला गया। 10 अप्रैल के बाद शहर में लॉकडाउन लगाया, लेकिन तब तक संक्रमण फैल गया। 15 अप्रैल से हर दिन एक सैकड़ा से अधिक मरीज मिले। अब हर दिन 250 से 400 मरीज मिल रहे हैं।
5 मई तक कोरोना की स्थिति
कुल सैंपलः 101195
संक्रमितः 9696
स्वस्थ हुएः 7380
औसत संक्रमण दरः 9.16
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