बदरवास। शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों की जन सुविधाओं को देखते हुए जगह-जगह कियोस्क बैंकों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिससे ग्रामीणों द्वारा अपने बैंक खाते से लेन-देन सुविधा अनुसार कर सकें और समय पर अपनी खेती किसानी या मजदूरी से वंचित न हो। लेकिन भारतीय स्टेट बैंक के अधिकांश कयोस्क बैंक संचालकों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के अनपढ़ भोले-भाले खाता धारकों के खातों से धोखाधड़ी करके उनके अंगूठा लगवा कर लोगों के रुपए निकाल लिए जाते हैं ऐसे ही ग्रामीणों से धोखाधड़ी के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं।
ऐसे ही एक मामले में बदरवास थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम रेंझा के गणेश पुत्र रामचरण आदिवासी के द्वारा आरोप लगाया है कि मेरी पत्नी मीना बाई आदिवासी का अगस्त 2020 में रक्षाबंधन के समय बीमारी के चलते ग्वालियर में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी उसके बाद मैंने संबल योजना के तहत सहायता राशि के लिए आवेदन किया था आवेदन के कुछ समय बाद मध्यप्रदेश शासन के द्वारा दिनांक 25/9/2020 को मेरे भारतीय स्टेट बैंक में खाता क्रमांक 34539520651 में दो लाख रुपए की राशि आई थी जिसे मेरे खाते में चेक कराने क्योसक बैंक संचालक रामकृष्ण धाकड़ के पास गया था उसने अंगूठा लगवा कर कह दिया कि अभी तक तेरे खाते में कोई राशि नहीं आई है। लेकिन इसके बाद हमारी ग्राम पंचायत गढ़ जनपद कोलारस के रोजगार सचिव मुकेश धाकड़ और उसके भाई कियोस्क बैंक संचालक रामकृष्ण धाकड़ निवासी कांठी के द्वारा फर्जी तरीके से धोखाधड़ी करके दो लाख रुपए निकाल लिए।
गणेश आदिवासी के द्वारा बताया गया कि रोजगार सचिव मुकेश धाकड़ और उसके भाई किओस्क बैंक संचालक रामकृष्ण धाकड़ ग्राम रेंझा में मेरे घर आ कर कहने लगे कि हम तुम्हारा एक रुपए किलो गेंहू मिलने वाला राशनकार्ड बनवा रहे हैं और जिसके लिए तुम्हें मशीन में अंगूठा लगाना होगा और मेरा मशीन में अंगूठा लगवा कर कहने लगे दस दिनों में तुम्हारा राशनकार्ड बना कर तुम्हारे घर पहुंचा देंगे और चले गए ।जिसके बाद मेरे खाते से रामकृष्ण धाकड़ के द्वारा धोखाधड़ी करके लगातार बीस-बीस हजार रुपये करके दस दिनों में दो लाख रुपए निकाल लिए जब हमने कुछ दिन बाद संभल योजना की राशि देखने बैंक गये तो वहां पता चला की मेरे खाते से तो दो लाख रुपए निकल गये तो फिर मैंने मेरे खाते का स्टेटमेंट निकाला तब हमें पता चला कि मेरे खाते से हकीकत में दो लाख रुपए निकल लिए गए।
इस संबंध में जब रोजगार सचिव मुकेश धाकड़, और उसके भाई किओस्क संचालक से पूछा की तुमने उस दिन मेरा अंगूठा लगवा कर मेरे संभल योजना के दो लाख रुपए निकाल लिए तो उन्होंने मेरे पिताजी रामचरण आदिवासी को लुकवासा ले जा कर उनके खाते में चालीस हजार रुपए डाल दिये और कहने लगे यह रुपए तो हमने भोपाल से कई बार फोन लगाकर जबरन मगंवाए हैं और इसके बारे में किसी को मत बताना नहीं तो तुम्हारे गांव के और लोग रुपयों के लिए आ जाएंगे।
फरियादी गणेश पुत्र रामचरण आदिवासी का कहना है कि मेरे साथ धोखाधड़ी करने वाले पंचायत के रोजगार सचिव और उसके भाई कियोसक संचालक रामकृष्ण धाकड़ के खिलाफ बदरवास थाने में आवेदन दिया है।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत गढ़ जनपद पंचायत कोलारस मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है न ही में किसी गणेश आदिवासी को जानता हूं।
मुकेश धकड़, रोजगार सहायक सचिव
इनका कहना है
हां मेरे बैंक में ही गणेश आदिवासी रेंझा बाले का खाता है लेकिन मेरे द्वारा उसके किसी भी प्रकार से रुपए नहीं निकाले गए हैं पता करलो।
मकृष्ण धाकड़, कियोसक बैंक संचालक
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