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अगर जिंदा है शिवपुरी में इंसानियत , तो क्या आगे आएगा शिवपुरी ……?

अगर जिंदा है शिवपुरी में इंसानियत , तो क्या आगे आएगा शिवपुरी ……?

तात्या टोपे पार्क के पास इंसानियत को झकझोरने वाला दृश्य

शहर के तात्या टोपे पार्क, कैला माता मंदिर के सामने, एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने सभी को भावुक कर दिया। 70-75 वर्षीय पूरन सिंह अपनी करीब 100 वर्षीय बीमार माँ को ठेले पर लिटाकर सर्द रातें गुजारने पर मजबूर हैं। आर्थिक तंगी और कठिन हालातों के बावजूद पूरन सिंह जी अपनी माँ की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे।

पूरन सिंह जी ने माँ की देखभाल के लिए अपना सबकुछ त्याग दिया है, यहाँ तक कि काम-धंधा भी। कड़कड़ाती ठंड में उनका यह संघर्ष इंसानियत और मातृभक्ति की मिसाल पेश करता है।

मौजूद लोग इस सवाल पर सोचने को मजबूर हैं—क्या समाज इस माँ-बेटे की मदद के लिए आगे आएगा?
आज, यह दृश्य सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक पुकार है। आपकी छोटी-सी मदद इस माँ-बेटे के लिए जीवन का सहारा बन सकती है।

पूरन सिंह जी का यह संघर्ष यह बताने के लिए काफी है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सेवा और त्याग का भाव अमर रहता है।
क्या इंसानियत अब भी जिंदा है?
समाज से अपेक्षा है कि इनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाएं और मानवता का परिचय दें।

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