नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार सुबह पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की। पुलवामा हमले के 12 दिनों बाद
भारत के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट विमानों ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकियों के कैंप को तहस-नहस कर दिया। तीन स्थानों पर किए गए इन हवाई हमलों में 1000 किलो बम गिराए गए।
मिराज 2000 जेट्स के जरिए बालाकोट, चकौटी और मुजफ्फराबाद के आतंकी हमलों पर बम गिराए गए। यह दूसरा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर इन विमानों का उपयोग किया गया। जानिए इस विमान के बारे में…
- दसौल्ट एविएशन द्वारा निर्मित मिराज 2000 का फ्रांस की वायुसेना में 1984 से उपयोग किया जा रहा है।
- मिराज 2000 भारत, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्त्र, यूनान, पेरू, कतर और ताईवान की वायुसेना में शामिल हैं।
- सिंगल सीटर और डबल सीटर मिराज 2000C/B को 1984 में पहली बार शामिल किया गया और इसके बाद दो बार इन्हें अपग्रेड 2000N और 2000D किया गया।
- इन विमानों को बेहद तेज गति से नीची उड़ान भरने और हर तरह के मौसम में न्यूकिलयर हमलों के लिए सक्षम बनाया गया हैं।
- इन विमानों की खासियत यह है कि इन्हें बिना निगाह में आये बहुत कम उंचाई पर उड़ान भरने में महारत हासिल हैं। भारत इनकी वजह से नियंत्रण रेखा के करीब 88 किमी अंदर घुसकर बम गिराने में सफल हुए।
- भारत ने पहली बार मिराज 2000 फाइटर जेट्स का उपयोग 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान किया था।
- कारगिल युद्ध के दौरान जब मिग 21 और मिग 27 असर छोड़ने में नाकाम रहे थे तब भारत ने ट्रंपकार्ड मिराज का उपयोग कर शत्रु की सप्लाय लाइन को ध्वस्त किया था।
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