शिवपुरी। कोरोना से शिक्षकों की लगातार हो रही मौतों से शिक्षा जगत में घबराहट का माहौल है। मामले को लेकर सभी जिलों से कोरोना पीड़ित और मृत शिक्षकों की जानकारी मंगाई जा रही है। सालभर से कोविड सहित स्कूल और मोहल्ला कक्षाओं में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को न तो कोरोना वॉरियर का दर्जा मिला और न ही बेगार के कामों से मुक्ति।
नतीजतन, प्रदेश में सैकड़ों शिक्षक इन दिनों कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। अब तक प्रदेश में 150 से अधिक शिक्षक जान गंवा चुके हैं। 65 से अधिक शिक्षक तो बीते 20 दिनों में ही कोरोना का शिकार हुए हैं। शिक्षा विभाग में मांगी उठी थी 50 से अधिक उम्र वाले शिक्षको को कोरोना ड्यूटी से मुक्त किया जाए।
मीडिया ने भी यह खबर प्रमुखता से उठाई थी। शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में सभी जिलों को कोरोना पीड़ित शिक्षकों की जानकारी भेजने के आदेश जारी किए हैं।
ग्वालियर, शिवपुरी इंदौर, उज्जैन, आगर मालवा, छिंदवाड़ा सहित अन्य जिलों के शिक्षक संगठनों के नेताओं ने जानकारी भेजने की सूचना दी है।
सात बिंदुओं पर मांगी है जानकारी
जिला शिक्षा अधिकारी स्तर पर संकुल प्राचार्यों को जारी किए गए पत्र में 7 बिंदुओं पर जानकारी भेजने को कहा गया है। इसमें मुख्य रूप से कोरोना से पीड़ित या मृतक शिक्षकों की संख्या, कोविड पीड़ित शिक्षक का नाम और पद, कोरोना है तो कब से है, मौत हुई है तो उसकी तारीख, मौत कोविड या अन्य कारण से हुई है तो उसका विवरण।
साथ ही संस्था प्रमुख को रिमॉर्क भी देना होगा। यह जानकारी तत्काल ईमेल या मोबाइल नंबर पर वाट्स एप करने को कहा गया है। संकुल प्राचार्यों को जारी आदेश में मीडिया में प्रकाशित खबर का उल्लेख भी किया गया है। समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेशचंद्र दुबे ने बताया कि उन्होंने आयुक्त लोक शिक्षण, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, अपर वित्त सचिव को पत्र लिखकर कोरोना से सुरक्षा मांगी है।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा कि शिक्षकों के साथ सरकार खड़ी है। कोविड संक्रमित होने पर शासन स्तर पर उनका महंगा से महंगा इलाज कराया जाएगा। संकट के इस दौर में शिक्षक खुद को अकेला नहीं समझें।
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