इस दौरान पाक ने उनसे भारतीय सेना के बारे में कई संवेदनशील जानकारियां हासिल करने की कोशिश की।
नई दिल्ली। पाक सेना की गिरफ्त में आने के बाद भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन के 52 घंटे काफी मुश्किल भरे रहे। विंग कमांडर को पाकिस्तानी सेना ने न सिर्फ पीटा, बल्कि उन्हें सोने तक नहीं दिया गया। प्लेन से इजेक्ट करने के कारण उन्हें चोट लगी थी, इसके बावजूद कई घंटों तक खड़ा रखा गया और उपचार भी मुहैया नहीं कराया गया।
काफी तेज आवाज में म्यूजिक बजाया जाता था, जिससे उन्हें परेशानी हो। उन्हें इस कदर प्रताड़ित किया गया कि वह कभी-कभी सांस भी नहीं ले पाते थे और उनका गला दबाने की भी कोशिश की गई थी। यह जानकारी विंग कमांडर की डीब्रीफिंग में शामिल एक अधिकारी ने दी है। इस समय आईएएफ की तीन से चार टीमें विंग कमांडर अभिनंदन की डि-ब्रीफिंग ले रही हैं।
अधिकारी ने बताया गया है कि विंग कमांडर अभिनंदन जब जेट से इजेक्ट होकर पीओके में गिरे और उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने पकड़ लिया था। इस दौरान पाक ने उनसे भारतीय सेना के बारे में कई संवेदनशील जानकारियां हासिल करने की कोशिश की। पाक सेना ने पहले 24 घंटे में सैनिकों की तैनाती, हाई-सिक्योरिटी रेडियो फ्रिक्वेंसी और संवदेनशील ठिकानों के बारे में गोपनीय सूचनाएं हासिल करने के प्रयास किए गए थे।
पाक अधिकारियों ने उनसे उन फ्रिक्वेंसी के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिशें कीं, जिनका प्रयोग आईएएफ मैसेज भेजने, फाइटर जेट्स को तैनात करने और लॉजिस्टिकल के लिए करती है। मगर, कई प्रयासों के बाद भी 35 वर्षीय विंग कमांडर का हौसला नहीं टूटा।
एयरफोर्स अधिकारियों की मानें, तो आईएएफ पायलट्स को यह बताया जाता है कि अगर उन्हें पकड़ लिया जाए, तो उन्हें कम से कम 24 घंटों तक सूचनाओं को किस तरह से दुश्मन के हाथ लगने से रोकना है, ताकि उन्हें बदला जा सके और दुश्मन के हाथ कोई भी जानकारी न लग सके। विंग कमांडर ने भी ऐसा ही किया।
गौरतलब है कि 27 फरवरी को कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में कुछ पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में घुस आए थे, जिन्हें भारतीय वायु सेना के जांबाज जवानों ने खदेड़ दिया था। एक पाकिस्तानी एफ-16 विमान को खदेड़ते हुए विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा के भीतर तक चले गए थे।
वहां उन्होंने पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराया था। मगर, इस दौरान उनके मिग-21 विमान पर भी वार किया गया, जिसके बाद वे पैराशूट की सहायता से जमीन पर उतरे थे। उन्हें पाकिस्तान की सेना ने हिरासत में ले लिया था, लेकिन बाद में अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद रिहा करना पड़ा।
पहले भी किया था टॉर्चर
बताते चलें कि इससे पहले साल 1999 में हुए करगिल युद्ध के दौरान ग्रुप कैप्टन नचिकेता को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था। उस समय नचिकेता फ्लाइट लेफ्टिनेंट ही थे। भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बाद उन्हें आठवें दिन छोड़ दिया गया था। मगर, इस दौरान उनके साथ पाकिस्तान ने क्रूर व्यवहार किया था।
पाकिस्तानी हिरासत में उन्हें कड़ी यातना दी गई थी। उनकी कैद पर एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान जानकारी निकालने के लिए उनके पैरों के करीब गोलियां दागी गईं थीं। अधिकारी ने कहा कि वर्तमान के मामले में, भारत की रणनीतिक स्थिति विश्व स्तर पर काफी मजबूत थी, जिससे उनकी जल्द रिहाई में मदद मिली।
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