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हार के बाद पहली बार सामने आईं बसुंधरा, बोलीं-:डोली में आई थी अर्थी में जाऊंगी | National news

जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुनाव हारने के बाद पहली बार अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि, पार्टी भले ही उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दे लेकिन वे राज्य की राजनीति नहीं छोड़ेगी। रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि, राजस्थान उनका परिवार है और वह अपने परिवार को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगीं। उन्होंने कहा कि, वे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद का दायित्व निभाएंगी पर राजस्थान नहीं छोड़ेंगी।
राजे ने कहा कि, ‘मैं पहले ही कह चुकी हूं कि मेरी डोली राजस्थान आई थी, अब अर्थी ही यहां से जाएगी। मेरा जीवन मेरे इस राजस्थान परिवार के लिए समर्पित रहेगा, मैं अपने परिवार की सेवा से कभी पीछे नहीं हटने वाली।’ बता दें कि, केंद्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा राजे को राज्य की राजनीति से दूर करते हुए किसी भी पद की जिम्मेदारी फिलहाल नहीं दी है। वसुंधरा ने आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस झूठ बोल कर सत्ता में आई है। कांग्रेस ने वादा किया था कि 10 दिनों में किसानों का पूरा कर्ज माफ कर देगी, लेकिन 40 दिन गुजर जाने के बाद भी कांग्रेस ने अपना वादा पूरा नहीं किया। कांग्रेस अब डिफॉल्टर, शॉर्ट टाइम लोन और केसीसी जैसी बातें कर रही है।’
विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद वसुंधरा ने आशा व्यक्त की है कि कांग्रेस उनकी सरकार की पिछले पांच सालों में लागू की गईं नीतियों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा में विपक्ष में बैठेगी और जनता से जुड़े मुद्दे उठाती रहेगी। वसुंधरा ने आगे कहा कि, किसानों की कर्ज माफी के लिए राजस्थान के नए सीएम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। ये वादा खिलाफी है क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ये नहीं लिखा था कि वे प्रधानमंत्री से मदद लेकर किसानों का कर्ज माफ करेंगे।
खुद पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए राजे ने कार्यकर्ताओं से कहा कि ’27 लाख किसानों का 50 हजार रुपए तक का कर्ज ब्याज और जुर्माना सहित माफ किया है। इसके बावजूद नए सीएम कह रहे हैं कि हमारी सरकार ने किसानों के कर्ज के सिर्फ 2000 करोड़ ही दिए जबकि सच ये है कि हमारी सरकार से 2000 करोड़ अपने मद से देने के अलावा 5,000 करोड़ एनसीडीसी से मंजूर कराए और 5,000 करोड़ की व्यवस्था सहकारी बैंकों से करते हुए किसानों का कर्ज माफ करने के लिए करीब 12,000 करोड़ का इंतजाम किया था।
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